क्योंकि बिना कमी का इंसान तलाश करोगे तो अकेले ही रह जाओगे।।
It's my Life. If you search J.P.SONI you will find many J.P.SONIs, but if you search me you will find only me...
Saturday, 11 March 2023
SMALL THOUGHTS
सच्चे रिश्तो की खूबसूरती एक दूसरे की गलतियां बर्दाश्त करने में है।
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SMALL THOUGHTS
It is not difficult to know me but it is not as easy as you are thinking, do not praise me in front of anyone but do not speak ill of me in front of anyone either!
Similarly, don't praise me in front of me, rather criticize me in front of me without hesitation, next time you will definitely see improvement!
I'm that simple!!!!
Tuesday, 7 March 2023
SMALL THOUGHTS
जो धन आपने कमाया, उसे आप भोग पाओ या न भोग पाओ... लेकिन उस धन को कमाने के चक्कर में जो कर्म किए हैं, उन्हें तो भोगना ही पड़ेगा...!!
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It is not difficult to know me but it is not as easy as you are thinking, do not praise me in front of anyone but do not speak ill of me in front of anyone either!
Similarly, don't praise me in front of me, rather criticize me in front of me without hesitation, next time you will definitely see improvement!
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माँ का पल्लू
"माँ का पल्लू"
तो लिखने वाले छात्र ने क्या खूब लिखा.....
"पूरा पढ़ियेगा आपके दिल को छू जाएगा"
आदरणीय गुरुजी जी...माँ के पल्लू का सिद्धाँत माँ को गरिमामयी छवि प्रदान करने के लिए था.
इसके साथ ही ... यह गरम बर्तन को चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को पकड़ने के काम भी आता था.
पल्लू की बात ही निराली थी. पल्लू पर तो बहुत कुछ लिखा जा सकता है.
पल्लू ... बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने,
गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था.
माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए
तौलिया के रूप में भी इस्तेमाल कर लेती थी.
खाना खाने के बाद पल्लू से मुँह साफ करने का अपना ही आनंद होता था.
कभी आँख में दर्द होने पर ... माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर, फूँक मारकर, गरम करके
आँख में लगा देतीं थी, दर्द उसी समय गायब हो जाता था.
माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू
चादर का काम करता था.
जब भी कोई अंजान घर पर आता, तो बच्चा उसको माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था.
जब भी बच्चे को किसी बात पर शर्म आती, वो पल्लू से अपना मुँह ढक कर छुप जाता था.
जब बच्चों को बाहर जाना होता, तब 'माँ का पल्लू' एक मार्गदर्शक का काम करता था.
जब तक बच्चे ने हाथ में पल्लू थाम रखा होता, तो सारी कायनात उसकी मुट्ठी में होती थी.
जब मौसम ठंडा होता था ... माँ उसको अपने चारों ओर लपेट कर ठंड से बचाने की कोशिश करती. और, जब बारिश होती तो,
माँ अपने पल्लू में ढाँक लेती.
पल्लू एप्रन का काम भी करता था. माँ इसको हाथ तौलिया के रूप में भी इस्तेमाल कर लेती थी.
पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले मीठे जामुन और सुगंधित फूलों को लाने के लिए किया जाता था.
पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी संकलित किया जाता था.
पल्लू घर में रखे समान से धूल हटाने में भी बहुत सहायक होता था.
कभी कोई वस्तु खो जाए, तो एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर निश्चिंत हो जाना, कि
जल्द मिल जाएगी.
पल्लू में गाँठ लगा कर माँ एक चलता फिरता बैंक या तिजोरी रखती थी, और अगर सब कुछ ठीक रहा, तो कभी-कभी उस बैंक से कुछ पैसे भी मिल जाते थे.
मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ पाया है !
मां का पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि एक जादुई एहसास है !
स्नेह और संबंध रखने वाले अपनी माँ के इस प्यार और स्नेह को हमेशा महसूस करते हैं, जो कि आज की पीढ़ियों की समझ में आता है कि नहीं........
अब जीन्स पहनने वाली माएं, पल्लू कहाँ से लाएंगी पता नहीं..🤔🤔..!!
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Sunday, 5 March 2023
समय का सदुपयोग
💐💐समय का सदुपयोग💐💐
किसी गांव में एक आनंद नाम का व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही भला था लेकिन उसमें एक दुर्गुण था वह हर काम को टाला करता था। वह मानता था कि जो कुछ होता है भाग्य से होता है।
एक दिन एक साधु उसके पास आया। उस व्यक्ति ने साधु की बहुत सेवा की। उसकी सेवा से खुश होकर साधु ने पारस पत्थर देते हुए कहा- मैं तुम्हारी सेवा से बहुत प्रसन्न हूं। इसलिए मैं तुम्हे यह पारस पत्थर दे रहा हूं। सात दिन बाद मै इसे तुम्हारे पास से ले जाऊंगा। इस बीच तुम जितना चाहो, उतना सोना बना लेना।
उस व्यक्ति को लोहा नही मिल रहा था। अपने घर में लोहा तलाश किया। थोड़ा सा लोहा मिला तो उसने उसी का सोना बनाकर बाजार में बेच दिया और कुछ सामान ले आया।
अगले दिन वह लोहा खरीदने के लिए बाजार गया, तो उस समय मंहगा मिल रहा था यह देख कर वह व्यक्ति घर लौट आया।
तीन दिन बाद वह फिर बाजार गया तो उसे पता चला कि इस बार और भी महंगा हो गया है। इसलिए वह लोहा बिना खरीदे ही वापस लौट गया।
उसने सोचा-एक दिन तो जरुर लोहा सस्ता होगा। जब सस्ता हो जाएगा तभी खरीदेंगे। यह सोचकर उसने लोहा खरीदा ही नहीं।
आठवें दिन साधु पारस लेने के लिए उसके पास आ गए। व्यक्ति ने कहा- मेरा तो सारा समय ऐसे ही निकल गया। अभी तो मैं कुछ भी सोना नहीं बना पाया। आप कृपया इस पत्थर को कुछ दिन और मेरे पास रहने दीजिए। लेकिन साधु राजी नहीं हुए।
साधु ने कहा-तुम्हारे जैसा आदमी जीवन में कुछ नहीं कर सकता। तुम्हारी जगह कोई और होता तो अब तक पता नहीं क्या-क्या कर चुका होता। जो आदमी समय का उपयोग करना नहीं जानता, वह हमेशा दु:खी रहता है। इतना कहते हुए साधु महाराज पत्थर लेकर चले गए।
💐शिक्षा:-💐
जो व्यक्ति काम को टालता रहता है, समय का सदुपयोग नहीं करता और केवल भाग्य भरोसे रहता है वह हमेशा दुःखी रहता है।
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समय का सदुपयोग
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Saturday, 4 March 2023
SMALL THOUGHTS
अच्छा समय और बुरा समय दोनों का अलग अलग महत्व है। अच्छा समय लोगों को बतायेगा की आप की वास्तविकता क्या है; और बुरा वक्त आपको बतायेगा की लोगों की वास्तविकता क्या है ।
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Friday, 3 March 2023
SMALL THOUGHTS
सुख दुख तो अतिथि हैं, बारी-बारी आयेंगे चले जायेंगे... यदि वो नहीं आयेंगे तो, हम अनुभव कहाँ से लायेंगे...!!
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SMALL THOUGHTS
अगर आप अपने लक्ष्य की और बढ़ रहे हैं और लोग बाधाएं उत्पन्न कर रहे हैं तो यकीन मानिये आप सही राह पर बढ़ रहे हैं।
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Thursday, 2 March 2023
अनुपयोगी मित्र
*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*
अनुपयोगी मित्र
किसी जंगल में एक बन्नी नामक खरगोश रहता था। उसके कई दोस्त थे। उसे अपने दोस्तों पर गर्व था। एक दिन बन्नी खरगोश ने जंगली कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनी। वह बहुत डरा हुआ था। उसने मदद मांगने का फैसला किया। वह जल्दी से अपने मित्र हिरण के पास गया। उसने कहा, "प्रिय मित्र, कुछ जंगली कुत्ते मेरा पीछा कर रहे हैं। क्या तुम अपने नुकीले सींगों से उनका पीछा कर सकते हो?"
हिरण ने कहा, "यह सही है, मैं कर सकता हूँ। लेकिन अब मैं व्यस्त हूँ। आप भालू से मदद क्यों नहीं माँगते?"
बन्नी खरगोश भालू के पास दौड़ा। "मेरे प्यारे दोस्त, आप बहुत मजबूत हैं। कृपया मेरी मदद करें। कुछ जंगली कुत्ते मेरे पीछे हैं। कृपया उन्हें दूर भगाएं", उसने भालू से अनुरोध किया।
भालू ने उत्तर दिया, "मुझे क्षमा करें। मैं भूखा और थका हुआ हूं। मुझे कुछ भोजन खोजने की जरूरत है। कृपया बंदर से मदद मांगें।"
बेचारा बन्नी बंदर, हाथी, बकरी और उसके सभी दोस्तों के पास गया। बन्नी को इस बात का दुख हुआ कि कोई उसकी मदद के लिए तैयार नहीं था।
वह समझ गया था कि उसे खुद ही कोई रास्ता निकालना होगा। वह एक झाड़ी के नीचे छिप गया। वह बहुत शांत पड़ा रहा। जंगली कुत्तों को बन्नी नहीं मिली। वे अन्य जानवरों का पीछा करते हुए चले गए।
बन्नी खरगोश ने सीखा कि उसे अपने अनुपयोगी मित्रों पर निर्भर न रहकर अकेले ही जीवित रहना सीखना होगा।
*💐💐शिक्षा:-💐💐*
दूसरों पर निर्भर रहने से बेहतर है कि आप खुद पर भरोसा करें ।
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अनुपयोगी मित्र
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Wednesday, 1 March 2023
पापी कौन
*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*
*💐💐पापी कौन💐💐*
एक बार, मैं किसी काम से, बस द्वारा सफर कर रहा था, 12-13 घण्टे का लंबा सफर था, बात उस जमाने की है जब , राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई कई किलोमीटर तक कोई आबादी नही मिलती थी।
हमारी बस शाम को चली, रात भर सफर करके दूसरे दिन हमे गन्तव्य तक पहुचना था, 2-3 घण्टे के सफर के बाद ही बारिश चालू हो गयी, धीरे धीरे बारिश , तेज तूफान का रूप लेती चली गयी, जैसे जैसे समय बढ़ रहा था तूफान बढ़ रहा था, बिजली गिर रही थी , उस तेज बारिश तूफानी रात में बस में बैठे सभी लोग घबरा रहे थे, और तरह तरह की बाते करने लगे, फिर बिजली कई बार बस के आस पास ही गिरने लगी, जिसके कारण बस में बैठे लोगों की चर्चा और तेज हो गयी कि जरूर इस बस में कोई पापी व्यक्ति बैठा है, जिसकी वजह से बिजली उसके ऊपर गिरने के लिये बस के आस पास ही गिर रही है, कुछ लोग चिल्लाने लगे कि ढूंढो उस व्यक्ति को, निकालो बस से, नही तो हम सब मारे जाएंगे।
बहुत सारे तेज तर्राक लोग थे, कुछ अच्छे सम्पन्न दिखने वाले, आखिरकार उन चिल्लाने वाले लोगो की टोली ने , एक व्यक्ति को चुना वो एक बहुत गरीब सी दिखने वाली बुढ़िया थी, सब लोग उसी पर चीखने चिल्लाने लगे कि यही पापिन है, इसे बस से तुरन्त उतारो! मैंने उस बुढ़िया को देखा, जो उन लोगो के निराधार आरोपो से घबराई हुई थी, शायद रो भी रही थी मेरे मन में उस बुढ़िया को देख कर दया फूटी, और विचार आया कि ये दुनिया निर्बल को ही सताती है, उस दया भाव के कारण मैंने उन लोगो को समझाने का प्रयास किया कि इतनी तूफानी रात में , इस जंगल में , रास्ते में इस बेचारी बुढ़िया को उतार दोगे तो शायद ये इस तूफान में मर भी जाए।
परन्तु भीड़ कहाँ किसी की सुनती है ??
वही हुवा, वो सब लोग मेरे ऊपर ही चढ़ गए कि तुझे ज्यादा चिंता सता रही है इस बुढ़िया की ?? तो तू भी उतर जा इसके साथ उन लोगो ने मुझे भी चुप करा दिया , मैं चुप हो कर अपनी सीट में बैठ गया अब मेरे मन मे द्वंद चल रहा था कि क्या करूँ ?? बाहर तेज तूफानी रात, जंगल, दूर दूर तक आबादी नही, उस बुढ़िया के प्रति दया भी आ रही थी, और भगवान पर गुस्सा भी आ रहा था कि भगवान ने भी कैसी दुनिया बनाई है , सब लोग कमजोर को ही सताते हैं, इस बुढ़िया का क्या होगा ?? मुझे डर भी लग रहा था।
आखिरकार, उस चिल्लाती भीड़ ने, उस कमजोर बुढ़िया को जबरदस्ती बस से उतार दिया, उस बुढ़िया का चेहरा देख कर, अचानक मेरे अंदर बहुत तेज दया के आँसू फूटे, और मैं भी उस बुढ़िया को सहारा देते हुए, नीचे उतर गया, सड़क के पास एक पेड़ के नीचे जाने की तरफ बढ़ा मुझे उस बुढ़िया के साथ नीचे उतरते उस बस के सभी लोगो ने देखा, अधिकतर लोगों ने मुझे मूर्ख कहा -- किसी ने चेहरे से, किसी ने शब्दों से, किसी ने अठ्ठाहस हँसी से, मैं उस बुढ़िया को लिए सड़क पर खड़ा था,पेड़ की तरफ जाते जाते , मैं जाती हुई बस को देख रहा था, जिसमे लोग हँस रहे थे, मेरे निर्णय पर।
बस कुछ ही दूर चली थी कि मेरे देखते देखते ही, एक बिजली उस बस पर गिरी और पूरी बस जल कर राख हो गयी, सब लोग जल कर मर गए।
*💐💐शिक्षा💐💐*
किसी पर दया फूटे, उस भाव दशा में, अपने किसी भी नुकसान की परवाह किये बगैर, जो कुछ हमने मदद की तो परिणाम शुभ ही होगा, हो सकता है कभी जल्दी दिखाई दे, कभी देर से किसी की बाहरी क्रिया, अवस्था देख कर हम किसी के ऊपर ये आरोप नही लगा सकते कि वो पापी है, किसी को पापी कहने का, मानने का अधिकार हमें नहीं है, हम जज नही है, किसी को पापी मान कर यदि हम उससे द्वेष करते है, उलाहना देते हैं तो हमें उसका परिणाम भी भुगतना पड़ेगा।
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HINDI KAHANIYAN
It is not difficult to know me but it is not as easy as you are thinking, do not praise me in front of anyone but do not speak ill of me in front of anyone either!
Similarly, don't praise me in front of me, rather criticize me in front of me without hesitation, next time you will definitely see improvement!
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जब तक किसी बात की पूरी जानकारी ना हो तब तक हमे मौन रहना चाहिए क्योंकि अधूरा सत्य, पूर्ण झूठ से कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है!
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Similarly, don't praise me in front of me, rather criticize me in front of me without hesitation, next time you will definitely see improvement!
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