Friday, 2 December 2022

SMALL THOUGHTS

जी लो हर लम्हा बीत जाने से पहले...
लौट कर यादें आती है, वक़्त नहीं......



बोलने का हक़ छीना जा सकता है, मगर खामोशी का कभी नहीं.........



खामोशी समझदारी भी है और मजबूरी भी
कहीं नज़दीकियां बढ़ाती है और कहीं दूरी भी!

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