Monday, 3 October 2022

SMALL THOUGHTS

*व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहना यह वाणी की प्रथम विशेषता है*
*सत्य बोलना यह वाणी की दूसरी विशेषता है*
*प्रिय बोलना यह वाणी की तीसरी विशेषता है और*
*धर्मगत बोलना यह वाणी की चौथी विशेषता है*
*यह चारों ही क्रमशः एक दूसरे से श्रेष्ठ हैं*

SMALL THOUGHTS

*"परम शत्रु से भी अधिक खतरनाक हैं गलत दिशा में भटकता हुआ मन...!!"*

Thursday, 31 December 2020

SMALL THOUGHTS

 मनचाहा बोलने के लिए अनचाहा सुनने की क्षमता होनी चाहिए! 




Sunday, 20 December 2020

SMALL THOUGHTS

थक गए हैं तो.....



BREAK



जरूर ले सकते हैं....




लेकिन थककर....



QUIT



कभी ना करें!!!





दयालू गोपी

दयालू गोपी



वृंदावन की एक गोपी रोज दूध दही बेचने मथुरा जाती थी।


एक दिन व्रज में एक संत आये, गोपी भी कथा सुनने गई,


संत कथा में कह रहे थे, भगवान के नाम की बड़ी महिमा है, नाम से बड़े बड़े संकट भी टल जाते है.।


नाम तो भव सागर से तारने वाला है,


यदि भव सागर से पार होना है तो भगवान का नाम कभी मत छोडना.।


कथा समाप्त हुई गोपी अगले दिन फिर दूध दही बेचने चली,


बीच में यमुना जी थी,गोपी को संत की बात याद आई, संत ने कहा था भगवान का नाम तो भवसागर से पार लगाने वाला है।


जिस भगवान का नाम भवसागर से पार लगा सकता है तो क्या उन्ही भगवान का नाम मुझे इस साधारण सी नदी से पार नहीं लगा सकता ?


ऐसा सोचकर गोपी ने मन में भगवान के नाम का आश्रय लिया भोली भाली गोपी यमुना जी की ओर आगे बढ़ गई.।


अब जैसे ही यमुना जी में पैर रखा तो लगा मानो जमीन पर चल रही है और ऐसे ही सारी नदी पार कर गई,


पार पहुँचकर बड़ी प्रसन्न हुई, और मन में सोचने लगी कि संत ने तो ये तो बड़ा अच्छा तरीका बताया पार जाने का।


रोज-रोज नाविक को भी पैसे नहीं देने पड़ेगे।


एक दिन गोपी ने सोचा कि संत ने मेरा इतना भला किया मुझे उन्हें खाने पर बुलाना चाहिये।


अगले दिन गोपी जब दही बेचने गई, तब संत से घर में भोजन करने को कहा संत तैयार हो गए,


अब बीच में फिर यमुना नदी आई।


संत नाविक को बुलने लगा तो गोपी बोली बाबा नाविक को क्यों बुला रहे है. हम ऐसे ही यमुना जी में चलेगे.


संत बोले - गोपी ! कैसी बात करती हो, यमुना जी को ऐसे ही कैसे पार करेगे ?


गोपी बोली - बाबा ! आप ने ही तो रास्ता बताया था, आपने कथा में कहा था कि भगवान के नाम का आश्रय लेकर भवसागर से पार हो सकते है



तो मैंने सोचा जब भव सागर से पार हो सकते है तो यमुना जी से पार क्यों नहीं हो सकते ?


और मै ऐसा ही करने लगी, इसलिए मुझे अब नाव की जरुरत नहीं पड़ती।


संत को विश्वास नहीं हुआ बोले - गोपी तू ही पहले चल ! मै तुम्हारे पीछे पीछे आता हूँ,


गोपी ने भगवान के नाम का आश्रय लिया और जिस प्रकार रोज जाती थी वैसे ही यमुना जी को पार कर गई।


अब जैसे ही संत ने यमुना जी में पैर रखा तो झपाक से पानी में गिर गए, संत को बड़ा आश्चर्य, अब गोपी ने जब देखा तो कि संत तो पानी में गिर गए है तब गोपी वापस आई है और संत का हाथ पकड़कर जब चली तो संत भी गोपी की भांति ही ऐसे चले जैसे जमीन पर चल रहे हो।



संत तो गोपी के चरणों में गिर पड़े, और बोले - कि गोपी तू धन्य है !


वास्तव में तो सही अर्थो में नाम का आश्रय तो तुमने लिया है और मै जिसने नाम की महिमा बताई तो सही पर स्वयं नाम का आश्रय नहीं लिया..।


सच मे भक्त मित्रो हम भगवान नाम का जप एंव आश्रय तो लेते है पर भगवान नाम मे पूर्ण विश्वाव एंव श्रद्धा नही होने से हम इसका पूर्ण लाभ प्राप्त नही कर पाते..

शास्त्र बताते है कि भगवान श्री कृष्ण का एक नाम इतने पापो को मिटा सकता है जितना कि एक पापी व्यक्ति कभी कर भी नही सकता..


अतएव भगवान नाम पे पूर्ण श्रद्धा  एंव विश्वास रखकर ह्रदय के अंतकरण से भाव विह्वल होकर जैसे एक छोटा बालक अपनी माँ के लिए बिलखता है ..उसी भाव से सदैव नाम प्रभु का सुमिरन एंव जप करे


कलियुग केवल नाम अधारा !

सुमिर सुमिर नर उताराहि ही पारा!!





SMALL THOUGHTS

सच्चे लोगों को शायद झूठ का पता ना हो.....




लेकिन झूठे लोगों को सच का पता हमेशा होता ही है!!!!!






SMALL THOUGHTS

पेंसिल की सौ गलतियाँ माफ़ थी......



लेकिन पेन पर जिम्मेदारियां बहुत हैं!!!





Sunday, 13 December 2020

SMALL THOUGHTS

कभी कभी हम गलत नहीं होते....

लेकिन....

हमारे पास वो समय और शब्द ही नहीं होते.....




जो हमें सही साबित कर सके!!!




SMALL THOUGHTS

क्रोध आने पर चिल्लाने के लिए ताक़त नहीं चाहिए......




मगर क्रोध आने पर चुप रहने के लिए बहुत ताक़त चाहिए !!!




Tuesday, 8 December 2020

SMALL THOUGHTS

 किसी व्यक्ति का व्यवहार देखना हो तो उसे सम्मान दो ........



आदत देखनी है तो उसे स्वतंत्र कर दो.......



नीयत देखनी है तो उसे क़र्ज़ दो......



और अगर उसके गुण देखने हैं तो उसके साथ कुछ समय बिताओ!!!!