Monday, 3 October 2022

SMALL THOUGHTS

*व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहना यह वाणी की प्रथम विशेषता है*
*सत्य बोलना यह वाणी की दूसरी विशेषता है*
*प्रिय बोलना यह वाणी की तीसरी विशेषता है और*
*धर्मगत बोलना यह वाणी की चौथी विशेषता है*
*यह चारों ही क्रमशः एक दूसरे से श्रेष्ठ हैं*

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